Labour card: लेबर कार्ड के लाभ जाने क्या क्या मिलेगा फायदा
Labour card
बीमा के तहत यदि दुर्घटना में मौत होती है तो एक लाख रुपए, सामान्य मृत्यु की स्थिति में 30 हजार रुपए, आंशिक अपंगता पर 37,500 रुपए, पूर्ण अपंगता पर 75,000 रुपए मिलेंगे। निबंधित असंगठित कर्मकार के दो बच्चों को कक्षा नौ से 12वीं तक, आईटीआई या पॉलिटेक्निक में अध्ययनरत रहने पर 1200 रुपए प्रतिवर्ष छात्रवृति दो किश्तों में मिलेगी। दुर्घटना में घायल होने के पश्चात कम से कम पांच दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने की स्थिति में 5000 रुपए तक की चिकित्सा सहायता मिलेगी।
न्यूनतम मजदूरी का होगा भुगतान
निबंधितअसंगठित कामगार के परिवार के दो सदस्यों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध रोजगारोन्मुख व्यवसायों का प्रशिक्षण, प्रशिक्षण अवधि में न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।
श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए राज्य सरकारों की तरफ से श्रमिक पंजीकरण किया जाता है. केंद्र या राज्य सरकारें श्रमिकों के लिए कई योजनाएं चलाती हैं. इन योजनाओं का लाभ उचित लाभार्थियों तक पहुंचे, इसके लिए सबसे पहले पंजीकरण किया जाता है. उत्तर प्रदेश सरकार इसी के तहत यूपी श्रमिक पंजीकरण करती है. पंजीकरण के तहत मजदूर कार्ड बनाया जाता है और सुविधाओं का लाभ दिया जाता है. इस कार्ड के जरिये राज्य सरकार अपने श्रमिकों को कई तरह की आर्थिक सहायता देती है.
पंजीकरण और मजदूर कार्ड बनाने के लिए कुछ योग्यताएं हैं. इसमें आवेदन करने वाले व्यक्ति की उम्र 18 से 60 साल तक होनी चाहिए. यह कार्ड बनवाने की सुविधा सिर्फ गरीब मजदूर वर्ग के परिवारों को दी जाती है. श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए भी आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट http://www.uplabour.gov.in पर अप्लाई कर सकते हैं.
आवश्यक दस्तावेज
मजदूर कार्ड बनाने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज होते हैं जिसके आधार पर कार्ड आसानी से बनवाया जा सकता है. मजदूर कार्ड बनाने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज आधार कार्ड है. आधार कार्ड अनिवार्य है जिसकी मदद से मजदूर कार्ड बनता है. किसी परिवार में किसी एक ही व्यक्ति का मजदूर कार्ड बनेगा, इसलिए उन्हें सभी जरूरी कागजात जमा करने होंगे. ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए इन कागजातों को अपलोड करना होता है. मजदूर का अपना बैंक अकाउंट होना चाहिए जिसमें आर्थिक मदद भेजी जाती है.
मोबाइल नंबर भी जरूरी है जिस पर योजना से जुड़ी जानकारी दी जाएगी या पेमेंट का ओटीपी भेजा जाता है. राशन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और श्रमिक प्रमाण पत्र होना जरूरी है. जिस व्यक्ति ने एक साल में 90 दिन का श्रमिक कार्य किया है, वह इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण करा सकता है.
योजना का लाभ
इस योजना का लाभ देश के हर राज्य में मिलता है. राज्य सरकारों ने अपने हिसाब से कानून बनाया है जिसके अंतर्गत मजदूर कार्ड के लिए अप्लाई करना होता है. कोरोना के दौरान केंद्र सरकार ने श्रमिकों के लिए मुफ्त अन्न योजना चलाई है जिसका फायदा मजदूर कार्ड के आधार पर दिया जाता है. इसके अलावा मजदूर कार्ड धारक व्यक्ति को 2 रुपये किलो गेहूं मिलता है.
इस योजना के जरिये मजदूर अपने बच्चे के लिए छात्रवृत्ति, प्रसूति के दौरान होने वाला खर्च, शुभ शक्ति योजना, आवास योजना, गंभीर बीमारियों का इलाज का फायदा उठा सकते हैं. केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली आवास योजना का लाभ मजदूर कार्ड धारक श्रमिकों को मिलता है. सरकार की तरफ से मजदूरों की एक पूरी लिस्ट जारी की गई है जिसमें बताया गया है कि कौन से लोग इसका लाभ उठा सकते हैं.
लेबर कार्ड क्या है?
असंगठितक्षेत्र के मजदूरों के लिए सरकार ने कुछ योजनाएं शुरू की है इसके लिए श्रम विभाग ठेका मजदूरों की पहचान के लिए उनका पंजीकरण कर लेबर कार्ड बना रहा है.
किसको मिलेगा फायदा
असंगठितक्षेत्र के मजदूरों को.
लेबर कार्ड योजना का उदेश्य क्या है?
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सक्षम बनाना.
लेबर कार्ड में कितना पैसा मिलता है?
लेबर कार्ड में कितना पैसा मिलता है?अगर आप लेबर कार्ड के माध्यम से अपना बीमा कराते हैं तो अगर दुर्घटना मृत्यु हो जाती है तो एक लाख रूपये , सामान्य मृत्यु के लिए 30000 और आंशिक अपंगता होने पर 37500 रूपये प्राप्त होते हैं। अगर आप पूर्ण रूप से अपंग हो जाते हैं तो 75000 रूपये इस योजना के माध्यम से दिया जायेगा।