हिंदी दिवस 2021-हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

हिन्दी दिवस का इतिहास

वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। वर्ष 1949 में स्वतंत्र भारत की राजभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचारविमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में इस प्रकार वर्णित हैसंघ की राष्ट्रभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अन्तरराष्ट्रीय रूप होगा।

यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50वाँ जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था। हालांकि जब राष्ट्रभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा। इस कारण हिन्दी में भी अंग्रेजी भाषा का प्रभाव पड़ने लगा।

 

  हिंदी दिवस हिन्दी भाषा से जुड़ा हुआ है. हिंदी भाषा के विषय में आप जरुर से जानते होंगे क्यूंकि आप में से अधिकतर लोगों की मातृभाषा हिंदी होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं की हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

 

इस दिन हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला था तब से हर वर्ष इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिंदी भाषा भारतवर्ष की मातृभाषा है. हिंदी दिवस मनाने के पीछे बहुत से कारण है. हिंदी दिवस हर वर्ष मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना है.

आज भी बहुत से दफ्तर, कार्यालय एवं दुकानों में हिंदी भाषा का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं होता है. हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य ऐंसे लोगों को जागरूक करना है. लोगों को यह समझाने की कोशिश करना है कि हिंदी के शत प्रतिशत उपयोग से भी सभी कार्य संभव हैं क्योंकि अभी भी बहुत से लोगों का मानना है कि हिंदी भाषा से सभी कार्य संभव नही हैं.

इसलिए मैंने सोचा की क्यों आप लोगों को ये जानकारी प्रदान किया जाये की आखिर क्यूँ हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं

What is Hindi Diwas

हिंदी दिवस वो दिन है जिस दिन भारतवर्ष में सर्वाधिक उपयोग होने वाली हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया था. हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने की खबर सुनने के बाद बहुत से लोगों ने इसका विरोध प्रदर्शन किया, दंगे किये गए लेकिन हिंदी दिवस के दिन आखिर हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिल ही गया।

इस दिन बहुत से कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इन कार्यक्रमों में हिंदी भाषी निबंध, कविताएं, वादविवाद, गीत आदि पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है. हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी भाषा में रचित उत्तम रचनाओं के मालिकों को पुरष्कृत भी किया जाता है.

बहुत से हिंदी प्रेंमी भी हिंदी दिवस का विरोध करते हैं. क्योकिं उनके अनुसार सरकार के द्वारा हिंदी को वर्ष में सिर्फ एक बार याद किया जाता है. आज भी बहुत से कार्यालयों में बोलचाल एवं लिखावट के लिए हिंदी का उपयोग नहीं होता है और होता भी है तो पूर्णरूपेण नहीं होता है.

आज भी हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है. कार्यालयों, विद्यालयों में आयोजित किये गए कार्यक्रमों, यहां तक कि हिंदी कार्यक्रमों में तक हिंदी भाषा का उपयोग करके विदेशी भाषा का उपयोग किया जा रहा है.

 

हिंदी दिवस हर वर्ष मनानें का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना है कि जब देश के अधिकतर लोग हिंदी भाषा बोलते, लिखते, पढ़ते और समझते हैं और हिंदी भाषा को 50 से भी अधिक रूप में सामान्य बोलचाल में उपयोग करते हैं तो कार्यालयीन कार्य भी हिंदी भाषा में क्यों नही किये जा सकते हैं? क्यों आज भी नौकरियों में अंग्रेजी भाषा को अधिक वरीयता दी जाती है? क्यों आज भी कार्यालयों, सरकारी दफ्तरों में हिंदी भाषा का प्रयोग नही किया जाता है और यदि किया भी जाता है तो शत प्रतिशत हिंदी में नहीं किया जाता है.

हिंदी दिवस की विशेषताएं

हिंदी दिवस हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए हर वर्ष मनाया जाने वाला खास दिन है. प्रत्येक वर्ष यह दिन हमें हमारी प्रमुख भाषा से और हमारी संस्कृति से हमें अवगत कराता है. हिंदी भाषा के महत्व को हमें और हमारी आने वाली पीढ़ियों को समझना होगा. दिन प्रतिदिन हिंदी भाषा की दर घटते जा रही हैं और अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व दिया जा रहा है. हिंदी दिवस हर वर्ष आकर हमे यह याद दिलाता है कि हिंदी भाषा ही हमारी मूल भाषा है और हमें इसे ही आगे बढ़ाना है.

हिंदी भारत की राजभाषा ही नही बल्कि भारत की पहचान भी है. भारत में हिंदी भाषा का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है. हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है जिसे हमें भी याद रखना होगा और हमारी पीढ़ियों को भी. हिंदी दिवस बार बार आकर हमें हमारी संस्कृति की याद दिलाता है इसीलिए हिंदी दिवस का महत्व माना गया है.

 

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