(2022)जाने नई शिक्षा नीति के बारे में: New education policy updates
राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है भारत की नई शिक्षा नीति की आज हम आपको जानकरी देने जा रहे हैं इस लेख मे आप जानेगे शिक्षा नीति क्या है, शिक्षा नीति का उदेश्य, नई शिक्षा नीति के लाभ, शिक्षकों की भर्ती – अगर आप ये जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया लेख को पूरा पढ़े|
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National education policy
प्रयास किया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के बदलाव भी किए जाते हैं। हाल ही में सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लांच की गई है। अब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों का समग्र विकास (सार्थक) योजना आरंभ होने जा रही है। सार्थक योजना को सभी पक्षकार जैसे कि राज्य, केंद्र शासित प्रदेश आदि से विचार, विमर्श और सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए थे। जिसके लिए जिम्मेदार एजेंसी और समय सीमा भी तय की गई है। इन सभी कार्यों के लिए इस योजना के अंतर्गत 304 परिमाण भी निर्धारित किए गए हैं।
विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल होगा एनसीसी कोर्स
एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है। जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है। इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है।
उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि वर्ष 2021–22 के पाठ्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय बनाया जाएगा। वे सभी छात्र जो एनसीसी कैडेट के रूप में दाखिला प्राप्त करेंगे उन्हें क्रेडिट बी और सी प्रमाण पत्र के अलावा शैक्षणिक क्रेडिट भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उनको विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली रोजगार सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
शिक्षकों की भर्ती
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत यदि दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों की कमी है। इस स्थिति में विशेष तौर से प्रयास किए जाएंगे की दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों को भर्ती कि जाए। जिसके अंतर्गत रिटायर हुए शिक्षकों को भी दोबारा से बुलाया जा सकता है
आरंभ किया जाएगा एक लाइव डैशबोर्ड
मार्गदर्शन और सहायता चाहने वालों को परामर्श प्रदान करने के इच्छुक उत्कृष्ट वरिष्ठ/सेवानिवृत व्यावसायिकों के एक बड़े पूल के सृजन के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा राष्ट्रीय परामर्श मिशन का संचालन किया जाएगा। ये सक्षम परामर्शदाता, चाहे वह किसी भी आयु या पद से सम्बन्धित हों, इसकी परवाह किए बिना, वह हमारे देश के 21वीं सदी के विकास लक्ष्यों को साकार करने में अपना योगदान देगें। एनएमएम अध्यापकों और अध्यापक प्रशिक्षकों को अल्प और दीर्घकालिक सलाह/व्यावसायिक सहायता के महत्व को रेखांकित करता है। इससे विभिन्न व्यक्तियों के बीच पारस्परिक सहयोग से शिक्षण का लाभ उठाने का अवसर मिलता है जिससे उनका निरंतर व्यावसायिक विकास होता है। परामर्श ज्ञान के अनौपचारिक/औपचारिक प्रसारण और संग्राहक द्वारा कार्य, कैरियर या व्यावसायिक विकास के लिए प्रासंगिक मनोसामाजिक सहयोग के लिए एक प्रक्रिया है। रा.प.मि.(एनएमएम) को लागू करने के लिए एक कार्यान्वयन योजना विकसित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। प्रारंभिक बैठकों और चर्चाओं के माध्यम से, परामर्श पर ब्लूबुक का एक मसौदा तैयार किया गया है। ब्लूबुक का यह मसौदा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् की वेबसाइट और माईगवर्नमेंट पोर्टल पर 3 नवंबर 2021 को विभिन्न हितधारकों से सुझाव/प्रतिक्रिया आमंत्रित करने के लिए रखा गया है।
सर्वोत्तम अध्यापक-प्रशिक्षक पुरस्कार
अध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में जो अध्यापक-प्रशिक्षक प्रयोगात्मक/अभिनव अध्यापन क्रियाओं को समझते हुए विशेष योगदान कर रहे हैं उन्हें सम्मानित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(एनसीटीई) ने वर्ष 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर ‘‘सर्वोत्तम अध्यापक प्रशिक्षक पुरस्कार‘‘ नाम से सम्मान पुरस्कार प्रदान करने का शुभारंभ किया है। राष्ट्रीय स्तर पर अध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान, विशिष्ट योग्यता और कार्यकुशलता के लिए 14 अध्यापक प्रशिक्षकों को प्रथम सर्वोत्तम पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया गया।
नई शिक्षा नीति
नेशनल एजुकेशन पालिसी में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नेशनल एजुकेशन पालिसी व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के आधार पर टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा।
National Education Policy 2022 का उद्देश्य
नेशनल एजुकेशन पालिसी का मुख्य उद्देश्य भारत मैं प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।
नई शिक्षा नीति के लाभ
. नेशनल एजुकेशन पालिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा।